बनभूलपूरा हिंसा को संभालकर ‘हीरो’ बने, पंचायत चुनाव से लगा ‘दाग’, ऐसा रहा प्रह्लाद मीणा का कार्यकाल

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नैनीताल एसएसपी आईपीएस प्रह्लाद नारायण मीणा का ट्रांसफर, उतार-चढ़ाव वाला रहा दो साल का कार्यकाल, खूब चर्चाओं में रहे मीणा

नैनीताल: बीती रोज उत्तराखंड में शासन ने कई आईपीएस और पीपीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं. जिसमें नैनीताल जिले के एसएसपी का भी तबादला किया गया है. जिसके तहत आईपीएस प्रह्लाद नारायण मीणा से नैनीताल की जिम्मेदारी वापस लेते हुए मंजूनाथ टीसी को नया कप्तान बनाया गया है. अगर आईपीएस मीणा के कार्यकाल की बात करें तो नैनीताल एसएसपी रहते हुए उनका दो साल का कार्यकाल उतार-चढ़ाव वाला रहा.

बता दें कि आगामी 3 और 4 नवम्बर को धामी सरकार ने राज्य स्थापना दिवस को लेकर विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है. ऐसे में सत्र आहूत होने से पहले सरकार ने बड़े पैमाने पर कई जिलों समेत मुख्यालय स्तर पर आईपीएस और पीपीएस यानी प्रांतीय पुलिस सेवा के तबादले किए हैं. जिसमें नैनीताल जिले का कप्तान भी बदला गया है.

बताया जा रहा है कि सत्र में प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार को सदन में घेर सकता था. जिसमें सबसे पहला जिला नैनीताल था. पिछले दो सालों से नैनीताल जिले की कमान प्रह्लाद नारायण मीणा संभाले हुए थे, लेकिन पंचायत चुनाव के दौरान कोर्ट से लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर एसएसपी मीणा रहे. लिहाजा, अब शासन ने सत्र से पहले नैनीताल जिले की कमान मंजूनाथ टीसी को सौंपी है.

कैसा रहा बतौर कप्तान मीणा का 2 साल का कार्यकाल: गौर हो कि बीती 14 सितंबर 2023 को आईपीएस प्रह्लाद नारायण मीणा ने नैनीताल एसएसपी के रूप में कमान संभाली थी. तब से लेकर जिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में कई मामलों का खुलासा किया, लेकिन एसएसपी तब काफी चर्चाओं में आए, जब उन्होंने बनभूलपुरा में हुए हिंसा में खुद कमान संभालने हुए अपने एक-एक जवान और अन्य कर्मियों को सकुशल हिंसा क्षेत्र से बाहर निकाला.

इस दौरान वे पूरे घटनाक्रम में काफी आक्रामक रूप में दिखाई दिए थे. इतना ही नहीं हिंसा के आरोपियों को उन्होंने जेल भेजने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. इस सबके बीच उन्होंने ऑपरेशन रोमियो और शाम को नशा कर वाहन चलाने वालों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर जनता के मन में अपनी जगह बना ली.

इतना ही नहीं समय-समय पर उन्होंने अधीनस्थों के पेच भी कसे, लेकिन पंचायत चुनाव में सही निर्णय और दबाव के बीच वो अपनी सख्त छवि को बरकरार नहीं रख पाए. जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान हुए बवाल को सुलझाने के बजाय उन्होंने मामले को और उलझा दिया. जिस कारण उन्हें कोर्ट की फटकार के साथ विपक्षी दल के विरोध का सामना करना पड़ा.

सत्र में हंगामे की आशंका को देखते हुए शासन ने उनसे नैनीताल की कमान को हटाते हुए पुलिस सतर्कता मुख्यालय की कमान सौंपी है. अब उनकी जगह मंजूनाथ टीसी नैनीताल जिले के नए एसएसपी होंगे. इस तरह से देखा जाए तो उनका कार्यकाल काफी उठा पटक वाला रहा है.