देहरादून। मुख्यमंत्री की प्रेरणा से नशामुक्त उत्तराखंड की दिशा में जिला प्रशासन देहरादून ने एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। उत्तर भारत का पहला राजकीय “मॉडल नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र” रायवाला में स्थापित किया गया है, जिसका संचालन 1 नवम्बर से शुरू होगा।
यह नशा मुक्ति केंद्र एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी से लैस है और यहां एक ही नंबर पर परामर्श, चिकित्सा उपचार एवं पुनर्वास सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसका संचालन “सोसायटी प्रमोशन ऑफ यूथ एण्ड मासेस” संस्था द्वारा किया जाएगा, जिसे जिलाधिकारी ने मात्र दो माह में चयनित कर केंद्र संचालन हेतु अधिकृत किया।
एम्स ऋषिकेश से हुआ टाइअप, केंद्र सरकार के “नवचेतना मॉडल” पर आधारित पहल
इस राजकीय नशा मुक्ति केंद्र के लिए एम्स ऋषिकेश के साथ टाइअप किया गया है, जहां 10 बैड आरक्षित किए गए हैं। यहां नशे के आदी व्यक्तियों को विशेषज्ञ चिकित्सकीय उपचार एवं परामर्श प्रदान किया जाएगा।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि केंद्र का उद्देश्य केवल इलाज नहीं बल्कि पूर्ण पुनर्वास एवं सामाजिक पुनर्स्थापन है। इसके लिए चिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों, परामर्शदाताओं और स्वयंसेवी संस्थाओं की संयुक्त भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
जागरूकता और प्रशिक्षण पर जोर: स्कूलों में चलेंगे नशा विरोधी अभियान
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ब्लॉकवार प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया जाए, जिसमें एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वयं सहायता समूहों को नशा मुक्ति से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में नवचेतना मॉडल के तहत जागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति संवेदनशील किया जा सके और जो बच्चे नशे की चपेट में आ चुके हैं, उन्हें इससे बाहर निकाला जा सके।
एकीकृत प्रणाली: एक कॉल पर मिलेगी परामर्श से पुनर्वास तक की सेवा
जिलाधिकारी ने बताया कि यह देश का पहला ऐसा सरकारी मॉडल नशा मुक्ति केंद्र है, जहां एक ही फोन नंबर पर परामर्श, उपचार एवं पुनर्वास की संपूर्ण सुविधा उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल नशे के आदी व्यक्तियों को सहायता प्रदान करेगी बल्कि समाज में नशे के खिलाफ जनजागरूकता को भी नई दिशा देगी।
सशक्त संदेश: इलाज से अधिक जरूरी पुनर्वास और पुनर्स्थापन
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि नशे की लत युवाओं के भविष्य को प्रभावित करती है, इसलिए जिला प्रशासन ने एकीकृत और सशक्त व्यवस्था विकसित की है। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर को व्यापक स्तर पर प्रचारित करने और संस्थानों में नशा विरोधी अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में शामिल अधिकारी और प्रतिनिधि
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, ‘सोसायटी प्रमोशन ऑफ यूथ एण्ड मासेस’ के निदेशक डॉ. राजेश कुमार, समन्वयक आयुषी चौधरी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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