डेढ़ साल से फरार ड्रग डीलर दिल्ली एयरपोर्ट से अरेस्ट, कोरियर से करता था नशे की तस्करी, लुक आउट सर्कुलर था जारी

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देहरादून: थाना प्रेम नगर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में फरार चल रहे 10 हजार के इनामी आरोपी को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली से गिरफ्तार किया. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे थे. लगातार प्रयासों के दबाव में आरोपी कानूनी सलाह लेने दुबई से दिल्ली पहुंचा था. गिरफ्तार आरोपी के 3 साथी आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपियों से एक करोड़ से ज्यादा अनुमानित मूल्य की 43 ग्राम एलएसडी और 6 ग्राम स्मैक बरामद की थी. आरोपी कोरियर के माध्यम से नशे का सामान सप्लाई करता था और यूपीआई के माध्यम से पैसों का लेनदेन करता था.

थाना प्रेमनगर की गठित स्पेशल टीम ने 28 अप्रैल 2024 को फन एंड फूड बिधौली के पास से 3 आरोपी रजत भाटिया, क्रिश गिरोठी और शिवम अरोड़ा को 43 ग्राम एलएसडी और 6 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था. पूछताछ में सामने आया था कि हम्माद अली नाम का तस्कर उन्हें एलएसडी और स्मैक कोरियर के माध्यम से उपलब्ध कराता है. साथ ही हम्माद अली को यूपीआई के माध्यम से पैसे भेजे जाते हैं. पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना प्रेमनगर में एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया.

इसके बाद आरोपी हम्माद की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार आरोपी के घर, रिश्तेदारों और अन्य सम्भावित स्थानों में दबिश देती रही. लेकिन आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार फरार चल रहा था. आरोपी की जानकारी जुटाने के बाद सामने आया कि आरोपी हम्माद वर्तमान में दुबई में रह रहा है. पुलिस टीम ने आरोपी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया. साथ ही आरोपी के खिलाफ एसएसपी द्वारा 10 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया गया.

इसके बाद 15 दिसंबर को थाना प्रेमनगर पुलिस को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जानकारी मिली कि हम्माद अली हवाई अड्डे पर दुबई से उतरा है. जिसे लुक आउट सर्कुलर के तहत हिरासत में लिया गया है. इस पर थाना प्रेमनगर पुलिस ने आरोपी को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया.

थाना प्रेमनगर प्रभारी कुंदन राम ने बताया कि हम्माद अली से पूछताछ में सामने आया कि वह रजत भाटिया, क्रिश गिरोठी और शिवम अरोड़ा का पुराना दोस्त है. जिन्हें वह उनकी मांग के अनुसार एलएसडी और स्मैक कोरियर के माध्यम से उपलब्ध कराता था. जिसकी कीमत वह अपने खाते में यूपीआई के माध्यम से लेता था.