फर्जी अधिकारी ने 12 दिन तक किया परेशान
देहरादून :
नैनीताल निवासी रुहेलखंड विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कुलपति से साइबर ठग ने खुद को महाराष्ट्र साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताकर 1.47 करोड़ रुपये हड़प लिए। आरोपी ने महिला को डिजिटल रूप से नजरबंद कर लगातार धमकाया और अलग-अलग खातों में रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
एसटीएफ ने सुलझाई गुत्थी
शिकायत पर एसटीएफ ने एएसपी स्वप्न किशोर और डीएसपी अंकुश मिश्रा के मार्गदर्शन में प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई। बैंक खातों, मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप डेटा के गहन विश्लेषण के बाद आरोपी राजेंद्र कुमार (निवासी सोलन, हिमाचल प्रदेश) को गिरफ्तार किया गया।
बरामद हुए फर्जी दस्तावेज और बैंकिंग सामग्री
गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास से तीन मोबाइल फोन, बैंक चेक, डेबिट कार्ड, वाई-फाई राउटर, फर्जी फर्मों की मुहरें, जीएसटी और उद्यम पंजीकरण प्रमाण पत्र बरामद किए गए। जांच में सामने आया कि आरोपी ने ‘कॉसमॉस इंटरप्राइजेज’ नाम से फर्जी खाता खोला था, जिसमें अकेले ₹50 लाख की राशि ट्रांसफर करवाई गई थी।
साइबर अपराध पर बड़ा प्रहार
एसटीएफ की इस कार्रवाई से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि डिजिटल ठग किस तरह झूठी पहचान और फर्जी खातों के सहारे बड़े पैमाने पर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। यह गिरफ्तारी साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
सावधान रहें – साइबर ठगी से बचाव के उपाय
- किसी भी अज्ञात कॉल पर अपनी बैंक डिटेल्स, OTP या पासवर्ड साझा न करें।
- यदि कोई खुद को सरकारी अधिकारी या पुलिस बताकर धन मांगता है, तुरंत न मानें।
- संदिग्ध कॉल/संदेश की तुरंत 112 या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।
- डिजिटल पेमेंट करते समय केवल विश्वसनीय और सत्यापित खातों का ही उपयोग करें।
- डराने-धमकाने वाली कॉल आने पर बिना घबराए पुलिस को सूचना दें।
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