March 13, 2025

थाई उत्तराखंड एसोसिएशन द्वारा भव्य उत्तराखंड स्थापना दिवस समारोह का आयोजन

Share now

बैंकॉक के रैडिसन ब्लू प्लाज़ा में थाई उत्तराखंड एसोसिएशन द्वारा उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर एक भव्य और उल्लासपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष वीडियो संदेश भेजकर थाई उत्तराखंड एसोसिएशन के प्रयासों की सराहना की और सभी को शुभकामनाएं दीं। भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिससे समारोह की गरिमा और भी बढ़ गई।

कार्यक्रम में 180 से अधिक प्रवासी उत्तराखंडी और भारतीय समुदाय के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को सजीव रखने के लिए उत्तराखंड के प्रख्यात गायक माया उपाध्याय और राकेश खानवाल तथा उनकी टीम ने अपने गढ़वाली और कुमाऊंनी गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके गीतों पर सभी ने जमकर आनंद लिया और अपने मूल से जुड़े होने का गर्व महसूस किया।

स्थानीय कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। इनमें श्री लालित ममगाईं, अनिल कैंथुरा, महिपाल रावत, और अवनी जदली शामिल थे, जिन्होंने अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से सबका मन मोहा। मंच संचालन का कुशलता से कार्यभार रितु चौहान और मुकेश चौहान ने निभाया, जिनकी शानदार मेजबानी ने पूरे आयोजन में जान डाल दी।

इस अवसर पर वरिष्ठ सदस्य और प्रतिष्ठित व्यवसायी डॉ. अखिल काला ने एसोसिएशन के उद्देश्य और दूरदर्शिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने एसोसिएशन की भूमिका, उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्रवासी उत्तराखंडियों को एकजुट रखने के महत्व पर अपने विचार साझा किए।

थाई उत्तराखंड एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. चंद्र शेखर सिलोरी ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन की सफलता का श्रेय एसोसिएशन की कोर टीम को जाता है। उन्होंने कोर टीम के सदस्यों – रश्मि रतूड़ी, हेमा पांडे, रितु चौहान, फानू जेठी, नरेश सेमवाल, करण रावत, राहुल नौटियाल, विपुल शर्मा, आनंद नौटियाल और सभी थाई उत्तराखंड सदस्यों का आभार व्यक्त किया, जिनके समर्पण के बिना यह आयोजन संभव नहीं होता।

डॉ. सिलोरी ने सभी मुख्य अतिथियों, व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट प्रायोजकों और भारतीय दूतावास के अधिकारियों का भी विशेष आभार व्यक्त किया, जिन्होंने आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया। इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी उत्तराखंड के लोगों ने अपने संस्कृति, भाषा और मूल की महत्ता को बड़े उत्साह के साथ प्रस्तुत किया और अपने समुदाय की एकजुटता का परिचय दिया।